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2.15.2022

'हरसिंगार महकने लगा...'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     15 February     कविता     No comments   

आइये, मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट में पढ़ते हैं, निबंधकार और संपादक श्रीमान पंकज त्रिवेदी की अद्वितीय कविता.......


दो दिन
क्या बाहर
चला गया
उसका मुँह
फूल गया।

आज थोड़ा
पानी दिया
सहलाया
हल्की हवा के
संग नाचने लगा।

उमंग था, हँसी भी
हरियाला रंग घेरा
गिरे पत्ते को उठाया
चुम लिया मैंने
हरसिंगार महकने लगा !

नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email-messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।

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