आइये, मैसेंजर ऑफ़ आर्ट में पढ़ते हैं, प्रख्यात रंगकर्मी, नाट्यनिर्देशिका व कवयित्री श्रीमती उमा झुनझुनवाला द्वारा रचित मर्मस्पर्शी कविता.......
कोरों के काजल में-
आँखों की सिलवटों में
घुमड़ते बादलों के गीतों में
मुट्ठी में फूंके गए नाम में
हृदय में गूंजती दुआओं में
नीम के दरख्त पर बैठे
कौवे की आँखों में,
प्रतीक्षा विश्रामावस्था में है
कागा-
दो नैना मत खाइयो मोहे पिया मिलन की आस।
नमस्कार दोस्तों !
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