MESSENGER OF ART

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Contribute Here
  • Home
  • इनबॉक्स इंटरव्यू
  • कहानी
  • कविता
  • समीक्षा
  • अतिथि कलम
  • फेसबुक डायरी
  • विविधा

1.03.2022

उपन्यास 'द नियोजित शिक्षक' के अनुसार प्रेमचंद कवि भी थे ?

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     03 January     समीक्षा     No comments   

नववर्ष 2022 में ! मैसेंजर ऑफ आर्ट के आदरणीय पाठकगण ! आइये, पढ़ते हैं, सहरसा (बिहार) के रहवासी श्री दिलीप कुमार द्वारा समीक्षित उपन्यासकार तत्सम्यक् मनु के हिंदी उपन्यास 'the नियोजित शिक्षक' की समीक्षा.......

साहित्य ही ऐसी जगह है, जहाँ 'व्यक्ति' अपने-अपने भावों को अभिव्यक्ति दे पाते हैं। विशेषतया मैं शोधपरक किताबें पढ़ना पसंद करता हूँ। एक सप्ताह पहले मेरे मित्र संजीव ने मुझे एक उपन्यास पढ़ने को सुझाया और कहा- "प्रोफेसर साहब, मार्किट में एक उपन्यास आया है, जिसमें जिक्र है कि प्रेमचंद 'कवि' भी थे ?"

मेरा माथा ठनका- वाकई में ?

मित्र से कुछ देर बातें हुईं, उन्होंने उक्त पुस्तक के लिए लिंक भी भेजा। मैंने ऑर्डर कर दिया।

गत दिनों उपन्यास 'द नियोजित शिक्षक' पढ़ना शुरू किया। अध्यापन कार्य से जुड़े रहने के कारण उपन्यास को जल्दी से पढ़ने लगा। मैं पढ़ते-पढ़ते यह सोचने लगा कि प्रेमचंद के 'कवि' सम्मत बातें जहाँ उद्धृत है, पहले उसी पन्ने को पढ़ लेता हूँ, लेकिन फिर विचार बदला कि लेखक के मेहनत को शुरुआत से ही पढ़ा जाय।

उपन्यास ने कब मुझे अपने गिरफ्त में ले लिया, मालूम न चला। धीरे-धीरे मैं उस पन्ने पर भी आ गया, जिसका मुझे इंतज़ार था, यह एकदम से नई जानकारी थी मेरे लिए ! वैसे यह उपन्यास ही शोधपरक जानकारियों से अटे पड़े हैं। एक छोटे सवाल का जवाब दार्शनिक व वैज्ञानिक अंदाज में दिए गए हैं। निजी कोचिंग सहित सरकारी विद्यालय_महाविद्यालय में शिक्षकों के साथ क्या-क्या होता है ? इसे सटीक रूप से लिखा गया है।

संप्रति उपन्यास में-

मसाले भी हैं, तो दिल को दर्द देनेवाली बातें भी ! शिक्षकों के हालात को सुधारने के तरीके भी। अगर कुछ वाक्यों में उपन्यास के बारे में लिखूँ, तो यही लिखूँगा-

"'गोदान' के बाद ऐसा उपन्यास सचमुच में मैंने पढ़ा नहीं !"

नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं। इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।

  • Share This:  
  •  Facebook
  •  Twitter
  •  Google+
  •  Stumble
  •  Digg
Newer Post Older Post Home

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

  • 'रॉयल टाइगर ऑफ इंडिया (RTI) : प्रो. सदानंद पॉल'
  • 'महात्मा का जन्म 2 अक्टूबर नहीं है, तो 13 सितंबर या 16 अगस्त है : अद्भुत प्रश्न ?'
  • "अब नहीं रहेगा 'अभाज्य संख्या' का आतंक"
  • "इस बार के इनबॉक्स इंटरव्यू में मिलिये बहुमुखी प्रतिभाशाली 'शशि पुरवार' से"
  • 'जहां सोच, वहां शौचालय'
  • "प्यार करके भी ज़िन्दगी ऊब गई" (कविताओं की श्रृंखला)
  • 'कोरों के काजल में...'
  • 'बाकी बच गया अण्डा : मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट'
  • "समाजसेवा के लिए क्या उम्र और क्या लड़की होना ? फिर लोगों का क्या, उनका तो काम ही है, फब्तियाँ कसना !' मासिक 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में रूबरू होइए कम उम्र की 'सोशल एक्टिविस्ट' सुश्री ज्योति आनंद से"
  • "शहीदों की पत्नी कभी विधवा नहीं होती !"
Powered by Blogger.

Copyright © MESSENGER OF ART