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2.19.2020

'मैं कौन हूँ...'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     19 February     कविता     No comments   

आइये, जानते हैं आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में सुश्री नेहा सिंह की अद्भुत कविता के माध्यम से नारियों के सुख-दुःख व दर्द को...
सुश्री नेहा सिंह

'नारी'


मैं कौन हूँ,
मैं क्या हूँ
मैं उस आधुनिक युग की नारी हूँ
उस द्रोपदी की साड़ी हूँ
जिसने खुद को सूली पर चढ़ा दिया
जिसने अपनों के लिए खुद को मार दिया
मैं कौन हूँ
मैं क्या हूँ
मैं वो जो दिखती नहीं हूँ
मैं वो हूँ
उन चूड़ियों की खनकार हूँ
उस सिंदूर की पहचान हूँ
जिसने सीता की लाज रखी 
उस नारी की नींव रखी
मैं कौन हूँ
मैं क्या हूँ
मैं वो हूँ
जिसने इंसान को जन्म दिया 
उसने ही मेरे लिए बाज़ार बनया
जब चाहा रोंद दिया
जब चाहा फेक दिया 
मैं कौन हूँ
मैं क्या हूँ
मैं उन सुनसान सी गलियों की
वो जलती-बुझती रोशनी हूँ
जिसने जब चाहा उखाड़ के फेक दिया
जब चाहा तब आगन में सजा दिया
मैं  कौन हूँ
मैं क्या हूँ
मैं वो हूँ, जो है नहीं...
मैं वो हूँ
एक मां की दुलारी हूँ
एक पिता की पहचान हूँ
एक भाई की सान हूँ
संसार की सखी हूँ
मैं वो नारी हूँ
इस जग की धरी हूँ
मैं कौन हूँ
मैं क्या हूँ
मैं वो हूँ
मैं एक नारी हूँ...

नमस्कार दोस्तों ! 


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