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4.06.2019

"शिक्षक 'कैटेलिस्ट' और राष्ट्रनिर्माता होते हैं"

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     06 April     फेसबुक डायरी     No comments   

माता-पिता के बाद गुरू का स्थान आता है, लेकिन समय के साथ अब गुरू गूगल व यूट्यूब बन गए हैं, परंतु जो स्थान गुरू का है वह स्थान गूगल व यूट्यूब कभी ले नहीं सकते हैं। आइये मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं शिक्षक 'कैटेलिस्ट' व 'राष्ट्रनिर्माता' होते हैं ---



प्रत्येक घर में बच्चों के मार्गदर्शक उनके अभिभावक होते हैं, तो वहीं विद्यालय में उन बच्चों के मार्गदर्शक शिक्षक होते हैं । शिक्षक अथवा अभिभावक सभी बच्चों के लिए उत्प्रेरक (catalyst) के कार्य करते हैं । बच्चे विद्यालय में मात्र 6 घंटे रहते हैं, परंतु घर पर अपने अभिभावकों व माता, पिता, ताऊ, ताई, चाचा, चाची, दादा, दादी, अथवा नाना, नानी, मामा, मामी इत्यादि के साथ 18 घंटे व्यतीत करते हैं । घर पर 18 घंटे रहने के बावजूद इन बच्चों के द्वारा शिक्षकों की ही सर्वाधिक सुनी जाती है । परंतु हाल के वर्षों में बच्चों में इस तरह के कर्त्तव्य-निर्वहन में कमी आई है, जो कि अभिभावकों के कारण है । चूँकि ये अभिभावक जहाँ रुपयों से डिग्री खरीदकर बच्चों को व्यवसाय आदि में संलग्न कर देते हैं, जिससे बच्चों में सेवा-भावना ख़त्म होती जा रही है, तब यही बच्चे कालान्तर में हमारे लिए मुसीबत का कारण बन जाते हैं । ऐसे अभिभावकों को चाहिए, वे अपने बच्चों को अच्छे शिक्षकों से उत्प्रेरणा दिलाये, क्योंकि अच्छे शिक्षक उत्प्रेरक (catalyst) होते हैं ।

(फ़ोटो साभार :-- गूगल )

-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
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