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10.17.2018

''कली और फूल के बीच एक संवाद : कवि आलोक शर्मा की कविता"

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     17 October     कविता     No comments   

प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन  प्यार की 'नियति' की अभीष्ट उम्र तो होती ही है ! जब इश्क़ की बात आती है, तब यही प्यार आर-पार हो 'रार' ठान लेती है । फिर हमें यह मालूम नहीं होता और हम फिर कनफ़्यूजन या अवसाद का शिकार हो जाते हैं कि हम प्यार के साथ संतुलित रह पाएंगे या इश्क के साथ ! हाँ, इश्क और मुश्क छुपाये नहीं छुपते ! यही कारण है, एक पटाक्षेप के तहत हम इश्कयापे प्यार में बहुत-कुछ पाना चाहते हैं ! ....यानी कली अगर प्यार है तो इश्क़ फूल है और दोनों के बीच सतत द्वंद्व चलते रहता है । चकोर पक्षी का प्रेमी चंद्रमा के प्रति प्रेम ऐसा घनिष्ठ है कि ढाई आखर का प्रेम आखिरकार 'परिभाषित' हो ही जाता है । हम मानव जिसे परिभाषित नहीं कर पाते हैं, उसे प्रकृति और उनकी अन्य रूप उसे अवश्य ही परिभाषित करते हैं । भँवरों की तरफ से फूलों के प्रति अतिशय दीवानगी इसके ही नामित उदाहरण हैं ! आज  'मैसेंजर ऑफ आर्ट' में पढ़ते हैं, कवि आलोक शर्मा की प्रेमरस से मंजी कविता 'कली -फूल-संवाद' ! आइये, हम सब मिल इस कविता का लुत्फ़ उठाते हैं......




'कली_फूल_संवाद'

इक दिन नाज़ हुआ कलियों को,
      फूल से इठलाकर बोली --

उमर तुम्हारी  बीत गई अब,
       हम सब खेलेंगे होली !

अद्भुत,कोमल, कांति रूप ले,
      नेह-पंथ को छोड़ दिया --

प्रेम-जगत में  रहकर तुमने,
 कितनो का दिल तोड़ दिया !

काँटों में  छुप-छुपकर बस,
 सुंदरता का श्रृंगार किया --

है आज नहीं, कोई कहने वाला,
 तुमने मुझको प्यार किया !

पता नहीं, क्या पाने को ? 
तुम अड़े रहे मनमानी पर --

तरस आ रही, दुनिया को, 
तेरी  गुमनाम जवानी पर !

मुस्काकर फूल ने कहा कलियों से,
अच्छी सोच बनाई हो --

नयी उमंगे,नया रूप लिए, 
नई जगत में आयी हो !

सारा जीवन शेष अभी है,
तुम्हें पता चल जायेगा  --

जब तोड़ेगा कोई प्यार के भ्रम में, 
कोई कुचल के जायेगा !

कस्में, वादे, प्यार के भौंरे, 
जीवन भर मडराएं है  --

चूस लिया, जिसने पराग, 
वो पुनः नजर नहीं आये हैं !

है लाख दुआ उन कांटों को, 
हमें जोड़ के रखा डाली से --

भौरों से पहले तुम बचना,
निज गुलशन के ही माली से !

नमस्कार दोस्तों ! 
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
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