MESSENGER OF ART

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Contribute Here
  • Home
  • इनबॉक्स इंटरव्यू
  • कहानी
  • कविता
  • समीक्षा
  • अतिथि कलम
  • फेसबुक डायरी
  • विविधा

5.25.2017

"एक पत्र 'ढेरुवा लेखकों' के नाम"

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     25 May     मैसेंजरनामा     No comments   

सीखने की कोई उम्र नहीं होती , स्वामी रामतीर्थ 93 वर्ष की उम्र में भी फ्रेंच भाषा सीख रहे थे और उसे सिखाने वाले 12 वर्ष के किशोर थे । आज मैसेंजर ऑफ ऑर्ट लेकर आई है संपादक का लिखा एक पत्र 'ढेरुवा लेखकों' के नाम --



आज के लेखक/लेखिका के बारे में क्या कहूँ , एकाध पुस्तक क्या छप गई और सोशल साईट पर दो-चार पोस्ट क्या लिख दिए तथा 1000 लाइक क्या आ गए , वे अपने आपको 'कामता प्रसाद गुरु' और 'देवकीनन्दन खत्री' समझने लग जाते हैं ।
.....और "फेसबुक" पर लिखा किसी 'नवलेखक' (जिनके अभी कोई किताब प्रकाशित नहीं हुए हैं) के पोस्ट की भाषा में बस "व्याकरणिक error" को ढूंढने लग जाते हैं, समझो 'व्याकरण गुरु' हो गए, एकाध पुस्तकवालों द्वारा तो कमेंट के रूप में बस उनका व्याकरणिक गलतियों का नौसिखिया डॉक्टर की भाँति पोस्टमॉर्टम करने लग जाते हैं ।
क्योंकि उन्हें ये मालूम नहीं होता कि 'दो नए शब्द' बनाने में किसी नवलेखक को कितने मेहनत करने पड़ते होंगे (क्योंकि वे सोने का कलम और चाँदी की चम्मची प्रकाशक को लेकर दुनिया में जो आये हैं), क्योंकि उन्हें यह मालूम नहीं होता कि '2 साल' का बच्चा जब पहली बार कुछ नया बोलता है तो परिवार के पूरा 'माहौल' उनके उस ख़ुशी का गुलाम हो जाता है , चाहे बोली में हकलाहट हो, तुतलाहट हो या जो भी नया वाक्य उस बच्चे ने सीखा हो ।
यदि हम यूँ ही 'व्याकरणवादी नामवरी सोच' को पाले रखेंगे तो 'हिंदी' का कितना भला या विकास होगा ....!! मैं कब्र में गड़े मुर्दे को उखाड़ने में रूचि नहीं लेता!
क्योंकि तब कर्नाटक वाले 'कन्नड़' ही सीखेंगे , महाराष्ट्र वाले 'मराठी', भोजपुर वाले 'भोजपुरी' .....!! फिर 'अंग' से अंगिका !!!
परंतु ऐसे भला कोई कहेगा ही नहीं तब , कि हमें हिंदी सीखना है , पढ़ना है और इसे लेकर जॉब करना है ।


  • Share This:  
  •  Facebook
  •  Twitter
  •  Google+
  •  Stumble
  •  Digg
Newer Post Older Post Home

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

  • 'रॉयल टाइगर ऑफ इंडिया (RTI) : प्रो. सदानंद पॉल'
  • 'महात्मा का जन्म 2 अक्टूबर नहीं है, तो 13 सितंबर या 16 अगस्त है : अद्भुत प्रश्न ?'
  • "अब नहीं रहेगा 'अभाज्य संख्या' का आतंक"
  • "इस बार के इनबॉक्स इंटरव्यू में मिलिये बहुमुखी प्रतिभाशाली 'शशि पुरवार' से"
  • 'बाकी बच गया अण्डा : मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट'
  • "प्यार करके भी ज़िन्दगी ऊब गई" (कविताओं की श्रृंखला)
  • 'जहां सोच, वहां शौचालय'
  • "शहीदों की पत्नी कभी विधवा नहीं होती !"
  • 'कोरों के काजल में...'
  • "समाजसेवा के लिए क्या उम्र और क्या लड़की होना ? फिर लोगों का क्या, उनका तो काम ही है, फब्तियाँ कसना !' मासिक 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में रूबरू होइए कम उम्र की 'सोशल एक्टिविस्ट' सुश्री ज्योति आनंद से"
Powered by Blogger.

Copyright © MESSENGER OF ART