MESSENGER OF ART

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Contribute Here
  • Home
  • इनबॉक्स इंटरव्यू
  • कहानी
  • कविता
  • समीक्षा
  • अतिथि कलम
  • फेसबुक डायरी
  • विविधा

5.27.2017

"फेसबुक पर गालियों की रासलीला और बनते-बिगड़ते दोस्त'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     27 May     मैसेंजरनामा     No comments   

'फेसबुक' एक चिंतनशील 'सोशल मीडिया' है जहाँ विचारों का 'आदान-प्रदान,पक्ष-विपक्ष,हास-परिहास,वाद-विवाद' होते रहते है । आजकल फेसबुक पर विख्यात व्यक्तियों का 'दूसरा चेहरा' भी देखने को मिलता है, कोई महिला पोस्ट करके पुरुषों पर 'बेबुनियाद' आरोप लगाते हैं, तो पुरुष जब जवाब देकर अपनी मानसिक हालात को रखता है, तो कुछ कमेंट के बाद महिलायें उन्हें ब्लॉक कर देती है । यही हालात पुरुषों के भी हैं । 

मैं 'गौतम बुद्ध' का यह सन्देश आभासी दुनिया से जुड़े लोगों के लिए कहना चाहता हूँ कि "किसी जानवर की अपेक्षा एक बुरे मित्र (आभासी दुनिया के फेसबुक फ्रेंड) से ज्यादा डरना चाहिए,जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पंहुचा सकता है पर बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पंहुचा सकता है ! 

-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।

  • Share This:  
  •  Facebook
  •  Twitter
  •  Google+
  •  Stumble
  •  Digg
Newer Post Older Post Home

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

  • 'रॉयल टाइगर ऑफ इंडिया (RTI) : प्रो. सदानंद पॉल'
  • 'महात्मा का जन्म 2 अक्टूबर नहीं है, तो 13 सितंबर या 16 अगस्त है : अद्भुत प्रश्न ?'
  • "अब नहीं रहेगा 'अभाज्य संख्या' का आतंक"
  • "इस बार के इनबॉक्स इंटरव्यू में मिलिये बहुमुखी प्रतिभाशाली 'शशि पुरवार' से"
  • "समाजसेवा के लिए क्या उम्र और क्या लड़की होना ? फिर लोगों का क्या, उनका तो काम ही है, फब्तियाँ कसना !' मासिक 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में रूबरू होइए कम उम्र की 'सोशल एक्टिविस्ट' सुश्री ज्योति आनंद से"
  • 'बाकी बच गया अण्डा : मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट'
  • 'जहां सोच, वहां शौचालय'
  • "प्यार करके भी ज़िन्दगी ऊब गई" (कविताओं की श्रृंखला)
  • 'जानकीपुल.कॉम' के शिल्पकार श्री प्रभात रंजन से 'इनबॉक्स इंटरव्यू'
  • "एक शरीफ़ लेखक की शरीफ़ाई 'कोठागोई"

Categories

  • अभियान
  • आपबीती
  • आलेख
  • मन की बात
  • मैसेंजरनामा
  • लघुकथा
  • शोध आलेख
Powered by Blogger.

Copyright © MESSENGER OF ART