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5.27.2017

"फेसबुक पर गालियों की रासलीला और बनते-बिगड़ते दोस्त'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     27 May     मैसेंजरनामा     No comments   

'फेसबुक' एक चिंतनशील 'सोशल मीडिया' है जहाँ विचारों का 'आदान-प्रदान,पक्ष-विपक्ष,हास-परिहास,वाद-विवाद' होते रहते है । आजकल फेसबुक पर विख्यात व्यक्तियों का 'दूसरा चेहरा' भी देखने को मिलता है, कोई महिला पोस्ट करके पुरुषों पर 'बेबुनियाद' आरोप लगाते हैं, तो पुरुष जब जवाब देकर अपनी मानसिक हालात को रखता है, तो कुछ कमेंट के बाद महिलायें उन्हें ब्लॉक कर देती है । यही हालात पुरुषों के भी हैं । 

मैं 'गौतम बुद्ध' का यह सन्देश आभासी दुनिया से जुड़े लोगों के लिए कहना चाहता हूँ कि "किसी जानवर की अपेक्षा एक बुरे मित्र (आभासी दुनिया के फेसबुक फ्रेंड) से ज्यादा डरना चाहिए,जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पंहुचा सकता है पर बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पंहुचा सकता है ! 

-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।

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