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1.16.2017

'जन्मदिन लख-लख मुबारक'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     16 January     फेसबुक डायरी     1 comment   

जीवन बड़ा सरल है और घुमावदार भी ! हर जन्मदिन पर 'CANDLE' बुझा कर हम आगामी वर्ष की ओर निकल पड़ते हैं और प्रण लेते हैं  कि अगलीबार ऐसी 'गलतियाँ' न करेंगे , लेकिन कर देते हैं ! कभी सोचे हैं  कि हम जन्मदिन पर 'कैंडल' क्यों बुझाते हैं , नहीं न ! जब हम हर खुशी काम में 'कैंडल' जलाते हैं , तो फिर बर्थडे में उसे बुझा देते हैं ! क्या 'वेस्टर्न कल्चर' में हम डूबे हुए -- आपका उत्तर 'हाँ' ही  होगा । पर मेरा मानना हैं, हम कैंडल इस लिए बुझाते हैं कि 'साल' के वे अभागे वर्ष गुजर गए, जो फिर वापस नहीं आयेंगे , तो  पीड़ा नहीं आने को लेकर हम कैंडल को बुझा देते है  ... और आने वाले नववर्ष के लिए 'एक' कैंडल जला देते हैं ! मैं भी कहाँ आ फंसा ! आज मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट लेकर आया है जन्मदिन शुभकामना  ! तो देर किये हुए मिलते हैं , BE LATED हमारे बर्थडे बॉय विजय जायसवाल द्वारा उनके अपने जन्मदिन पर लिखा संस्मरण ...



'जन्मदिन लख-लख मुबारक'

अपने जन्मदिवस ( 15 December ) के अवसर पर सबसे पहले मैं फेसबुक का जिक्र करते हुए, फेसबुक संस्थापक Mr. मार्क जुकरबर्ग जी को भी धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ। जिन्होंने इस सोशल मीडिया का प्लेटफार्म देकर न जाने कितने ही अनमोल रिश्ते दिए, अलग-अलग तरह के लोगों से रूबरू होने का मौका मिल रहा है। साथ ही साथ ज्ञान, अच्छाइयों तथा बुराइयों का भी बोध हुआ और हो भी रहा है। 

जीवन का प्रवाह अपनी गति से चलता रहता है। कभी हर्ष तो कभी विषाद, यह सब जीवन में लगे रहते हैं। हर किसी का जीवन जीने का और जिंदगी के प्रति अपना नजरिया होता है। महत्व यह नहीं रखता कि आपने जीवन कितना लम्बा जिया बल्कि कितना सार्थक जिया। आज अपने जीवन के एक नए वर्ष में प्रवेश कर रहा हूँ। 

जीवन के इस सफर में न जाने कितने पड़ाव आये और जीवन का कारवां बढ़ता चला गया। जीवन के हर मोड़ पर जो चीज महत्वपूर्ण लगती है, वही अगले क्षण गौण हो जाती है। पल-प्रतिपल हमारी प्राथमिकताएं बदलती जाती हैं। सीखने का क्रम इसी के साथ अनवरत चलता रहता है। 

मुझे लगता है कि, व्यक्ति को रूटीनी जीवन जीने की बजाय नित नये एवं रचनात्मक ढंग से सोचना चाहिए। जैसे हर सुबह सूरज की किरणे नई होती हैं, हर पुष्प गुच्छ नई खुशबू से सुवासित होता है, प्रकृति की अदा में नयापन होता है, वैसे ही हर सुबह मानव जीवन को तरोताजा होकर अपने ध्येय की तरफ अग्रसर होना चाहिए। 

सफलताएं-असफलताएं जीवन में सिक्के के दो पहलुओं की भांति हैं, इन्हें आत्मसात कर आगे बढ़ने में ही जीवन प्रवाह का राज छुपा हुआ है। जीवन के इस सफर में मैंने बहुत कुछ पाया तो बहुत कुछ पाने की अभिलाषा है। ईश्वर में आस्था, माता-पिता का आशीर्वाद, भाइयों-बहनों, अग्रज तथा अनुजों का स्नेह, जीवन के हर मोड़ को आसान बना देती है और एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। 

इन सब के बीच आप मित्रों एवं शुभचिंतकों की हौसलाआफजाई भी एनर्जी का कार्य करती है। आप सभी का स्नेह एवं आशीष इसी प्रकार बना रहे तो जीवन का प्रवाह भी खूबसूरत बना रहेगा। आप सभी का मेरे जीवन में किसी भी रूप में आना मेरे लिए गौरव की बात है।


नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email - messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
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1 comment:

  1. Adv Vijay JaiswalJanuary 16, 2017

    धन्यवाद परम आदरणीय

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