आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासेवक प्रेमचंद की कहानी आल्हा की शानदार समीक्षा.......
फ़ोटो साभार : गूगल
प्रेमचंद रचित कथा 'आल्हा' !
क्या किसी कहानी लिखने का मतलब यह है कि जो 'जी' में आए लिख दिया कीजिए ? प्रस्तुत कथा को अर्द्धकथा कहूँ या फिर अर्द्ध निबंध या पाठकों के मन में जो आये, सो.... ?
क्या प्रस्तुत कथा में आल्हा व ऊदल के बारे में जो जानकारियाँ दी गई हैं, वो सटीक है ? क्या इतिहास की जानकारी को हू-ब-हू लिखना लेखक की खुद की रचना कहला सकती है ?
जो भी हो, प्रेमचंद रचित कहानी 'आल्हा' एक ऐसी ऐतिहासिक कथा है, जिसमें लेखक स्वयं प्रश्न करते हैं और उत्तर भी देते हैं, किन्तु कथासार में लेखकीय बचपना जरूर झलकती है !
नमस्कार दोस्तों !
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