आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट की टटकी कड़ी में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी स्वत्व रक्षा की अद्वितीय समीक्षा.......
प्रेमचंद रचित पशु-प्रेम कथा 'स्वत्व रक्षा'; जहाँ पशुओं के आत्मबल की महानता को दर्शाता हैं, वहीं मानव के 'दानव' भाव को प्रदर्शित भी करता है, किन्तु कथा में ऐसे कई मोड़ आएँ, जो यह बताते हैं कि लेखक के लेखनी का सत्य, सत्य न होकर मात्र एक कल्पना है...
यथा-
"मैं न जानता था, तुम व्रतधारी हो।"
अगर कोई जानवर व्रतधारी ही हो जाए, तो जिंदगी अपवादों से भर जाएगी !
नमस्कार दोस्तों !
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