आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, श्रीमान त्रिलोक नाथ पांडेय जी रचित प्रकृतिस्थ कविता.......
पानी से नहाते गुलाब से आज मेरी बात हुई
ये लाल-लाल क्या है
ये मेरे लाल हैं
क्या मतलब
मतलब बच्चे
धत, ये तो फूल हैं
ये मेरे फूल-से बच्चे हैं
आंखें तरेर कर गुलाब ने जवाब दिया।
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
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