आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट के प्रस्तुतांक में पढ़ते हैं श्री अभिलाष दत्ता जी के फ़ेसबुक वॉल से साभार ली गयी लघु आलेख...
श्रीमान अभिलाष दत्ता |
चेतन भगत को पढ़-पढ़ कर पाठक से लेखक बने कुछ हिंदी लेखक अपनी किताब में चेतन भगत का नाम लेकर उसपर तंज कसते हैं। जबकि उनका लेखन शैली चेतन भगत से प्रभावित है।
आप चेतन भगत नहीं बन सकते, उसकी कुंठा अपनी किताबों में निकालिये और स्टार राइटर बन जाइए।
यह हम भी माने की चेतन भगत की किताबें साहित्यक दृष्टिकोण से उतनी सही नहीं है, लेकिन ये वही आदमी है जिसके किताबों ने एक नया पाठक वर्ग तैयार कर के भारत को दिए ! एक दौर में देश में साहित्य ख़त्मने के कगार पर पहुँच चुकी थी। इसी आदमी के किताब ने उसमें जान फूँक दिया और आप नए बने बेस्टसेलर अपनी किताब में उसको टौंट करते हैं।
करिए, मन भर कीजिये। जिसका हम कुछ नहीं कर सकते, उसका बुराई तो कर ही सकते हैं।
यह हम भी माने की चेतन भगत की किताबें साहित्यक दृष्टिकोण से उतनी सही नहीं है, लेकिन ये वही आदमी है जिसके किताबों ने एक नया पाठक वर्ग तैयार कर के भारत को दिए ! एक दौर में देश में साहित्य ख़त्मने के कगार पर पहुँच चुकी थी। इसी आदमी के किताब ने उसमें जान फूँक दिया और आप नए बने बेस्टसेलर अपनी किताब में उसको टौंट करते हैं।
करिए, मन भर कीजिये। जिसका हम कुछ नहीं कर सकते, उसका बुराई तो कर ही सकते हैं।
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