कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में भय व्याप्त है, किंतु भय के बीच हमें हौसला देने के लिए कवि और कवयित्रियों द्वारा रचित रचनाएँ दवा का काम कर रहे हैं। आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं सुश्री प्रियंका राय ॐनंदिनी की अद्वितीय रचना...
बनकर सूरज तेज तपिश में जलना ही होगा
संघर्षों की जटिल राह पर चलना ही होगा
हमें चलना ही होगा !
जीवन के कुछ अटल सत्य हैं उनसे क्या घबराना
कैसी भी मुश्किल आये बस हँसकर बढ़ते जाना
सोने को कुंदन बनने तक गलना ही होगा
संघर्षों की जटिल राह पर चलना ही होगा
हमें चलना ही होगा !
सुश्री प्रियंका राय ॐनंदिनी |
बनकर सूरज तेज तपिश में जलना ही होगा
संघर्षों की जटिल राह पर चलना ही होगा
हमें चलना ही होगा !
जीवन के कुछ अटल सत्य हैं उनसे क्या घबराना
कैसी भी मुश्किल आये बस हँसकर बढ़ते जाना
सोने को कुंदन बनने तक गलना ही होगा
संघर्षों की जटिल राह पर चलना ही होगा
हमें चलना ही होगा !
नमस्कार दोस्तों !
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