आज मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट लेकर आया है बर्थडे बॉय कवि जालाराम चौधरी की अद्वितीय कविता ! आइये, कविता पढ़ते हैं और देते हैं उन्हें जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें....
खामख्वाह
परेशान हो रहा था
कितना कुछ हैं मेरे पास
दुनिया की बेशकीमती चीजें
माँ और बाप
दो बहिना
एक जोड़ी खूबसूरत आँखें
कुछ रंगीन सपने
दाहिने हाथ की अंगुलियों में
बेहतरीन लेखन का जादू
एक पगली की याद
इस बार नई फसल की
साढ़े तेईस बोरी बाजरा
टोपी की ग्यारह बोरी
मीठी कणक
मुस्कुराते, लहलहराती फसल से
बंद आंखों में सैकड़ों सपने
मीठे ख़्वाब
फिर कभी उदास नहीं हुआ
मै आज तलक
शांत नदी सा मगर खुश हूँ।
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
कवि जालाराम चौधरी |
खामख्वाह
परेशान हो रहा था
कितना कुछ हैं मेरे पास
दुनिया की बेशकीमती चीजें
माँ और बाप
दो बहिना
एक जोड़ी खूबसूरत आँखें
कुछ रंगीन सपने
दाहिने हाथ की अंगुलियों में
बेहतरीन लेखन का जादू
एक पगली की याद
इस बार नई फसल की
साढ़े तेईस बोरी बाजरा
टोपी की ग्यारह बोरी
मीठी कणक
मुस्कुराते, लहलहराती फसल से
बंद आंखों में सैकड़ों सपने
मीठे ख़्वाब
फिर कभी उदास नहीं हुआ
मै आज तलक
शांत नदी सा मगर खुश हूँ।
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
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