वर्त्तमान में पूरी दुनिया, खासकर 140 से अधिक देशों में कोरोना वायरस लिए COVID-19 नामक संक्रामक बीमारी ही नहीं, मर्मान्तक महामारी द्रुतगति से फैल रही है ! चीन से निकलकर यह महामारी प्रत्येक जगह पहुँच आपदात्मक रूप अख़्तियार कर ली है ! यह सिर्फ़ सरकारी प्रयासों से ही दूर नहीं हो सकती, अपितु इसके लिए जनजागरूकता की जरूरत है। सर्दी-जुकाम जैसी लगनेवाली इस बीमारी को हल्के में नहीं लेनी चाहिए ! सिर्फ़ हाथ-मुँह धोकर, अपने हाथों को मुँह-आँख तक न पहुंचाकर, हैंडशेक से बचकर, व्यर्थ आलिंगन-चूमने से परहेजकर इत्यादि से ही नहीं, अपितु नित्य नूतन जानकारी इकट्ठे कर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क रखते हुए वायरस जनित ऐसी महामारी से हम सुरक्षा पा सकते हैं । 'हरवाकस' पौधे के पत्ते का जूस भी एतदर्थ कारगर साबित हो सकती है !
आइये, MoA के आज के अंक में पढ़ते हैं, विशुद्ध हिंदी में कोरोना वायरस जनित महामारी KOVID-19 पर पहली कविता, जिनके कवि हैं-- डॉ. सदानंद पॉल । तो आइये, इनसे हम एतदर्थ सीख लेते हैं और इनसे बचने का उपाय ढूढ़ते हैं.....
डॉ. सदानंद पॉल |
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
0 comments:
Post a Comment