किसी के पैरेंट्स यदि अनपढ़ हैं, परंतु वह पैरेंट्स अपने बच्चों को कभी भी अनपढ़ नहीं रखते, बल्कि उन्हें पढ़ाते हैं और अपनी ज़िंदगी के माध्यम से बच्चों में पढ़ने की ललक पैदा करते हैं...
दोस्तों !
सवाल यह मत कीजिए कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने कितने एग्जाम दिए हैं, परंतु आप जवाब यह दीजिए कि--
'परीक्षा पे चर्चा' सुनने के बाद आपके अंदर क्या बदलाव आया ?
आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट पर पढ़ते हैं परीक्षा पे चर्चा के बारे में...
'परीक्षा पे चर्चा' के माध्यम से शानदार बातें माननीय प्रधानमंत्री जी आपने कहा, खासकर 'चंद्रयान-2' पर दी गयी सकारात्मक बातें यानी कि विफलता में भी सफलता पा सकते हैं, परंतु परिवार व समाज को भी सुधरना होगा औऱ उन्हें जानना होगा, जीवन कागज के पन्नों पर छपे ग्रेड पर नहीं चलती, परीक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन परीक्षा ही ज़िन्दगी है, इस सोच से हर पैरेंट्स को बाहर आना चाहिए। शुक्रिया आदरणीय प्रधानमंत्री जी, इतने नाजुक मुद्दों पर बेहतरीन राय के लिये... परंतु, क्यों न; हर जिले में स्कूलों के विद्यार्थियों को शहर के टाउन हॉल में एकत्रित कर जिला पदाधिकारी द्वारा इस मुद्दे पर हर महीने चर्चा होनी चाहिए !
हृदयश: शुक्रिया माननीय प्रधानमंत्री जी !
दोस्तों !
सवाल यह मत कीजिए कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने कितने एग्जाम दिए हैं, परंतु आप जवाब यह दीजिए कि--
'परीक्षा पे चर्चा' सुनने के बाद आपके अंदर क्या बदलाव आया ?
आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट पर पढ़ते हैं परीक्षा पे चर्चा के बारे में...
हृदयश: शुक्रिया माननीय प्रधानमंत्री जी !
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
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