'सीखने की दवा'
'कभी 23 साल के इस युवा से भी कुछ सीखने की कोशिश कीजिये । चाहे वह आपसे कितना भी छोटा क्यों न हो ?'
किसी कविता या कहानी को अवॉर्ड मिलने का यह मतलब नहीं है कि उस कविता अथवा कहानी में गलतियाँ ही न हो ! मेरे अग्रज ने 'श्रीमान् भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी' की कविताओं में 108 गलतियाँ पहली ही नजर में देखा था और उन्होंने पूर्व PM साहब को पत्र द्वारा उन्हें फलाँ-फलाँ गलतियाँ बताएं थे ! बदले में अटल जी की धन्यवाद प्रतिक्रिया भी आयी थी ।
मेरा सन्देश उन कवि/लेखक/रिसर्चर महोदय/महोदया से है, जब आप लिखते हैं तो आपके सभी शब्द अच्छे लगते हैं, किन्तु अगर शाब्दिक, भाषाई, बिन्दुआई अथवा प्रसंगार्थ गलती कर बैठते हैं, तो किसी के आपत्ति के बाद तर्क करें, परंतु यह तर्क कदापि कुतर्क ना हो ! सुतर्क के बाद गलतियाँ मान लेना हमारी बूड़बकाई या नादानी थोड़े ही होगी ! इससे नोबेल या रशियन लिटरेरी क्लब से सम्मानित रचनाकार ही क्यों न हो ?
अन्यथा, 'मियां-मिट्ठू' बनने के चक्कर में वो न मियां बन पायेंगे, न ही उनका मुँह मिट्ठा हो पायेगा ! हाँ, बबली और बंटी बनने वाले रचनाकार-गिरामी मेरी बातों को दरकिनार कर सकते हैं !
'टी.मनु'
'कभी 23 साल के इस युवा से भी कुछ सीखने की कोशिश कीजिये । चाहे वह आपसे कितना भी छोटा क्यों न हो ?'
किसी कविता या कहानी को अवॉर्ड मिलने का यह मतलब नहीं है कि उस कविता अथवा कहानी में गलतियाँ ही न हो ! मेरे अग्रज ने 'श्रीमान् भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी' की कविताओं में 108 गलतियाँ पहली ही नजर में देखा था और उन्होंने पूर्व PM साहब को पत्र द्वारा उन्हें फलाँ-फलाँ गलतियाँ बताएं थे ! बदले में अटल जी की धन्यवाद प्रतिक्रिया भी आयी थी ।
मेरा सन्देश उन कवि/लेखक/रिसर्चर महोदय/महोदया से है, जब आप लिखते हैं तो आपके सभी शब्द अच्छे लगते हैं, किन्तु अगर शाब्दिक, भाषाई, बिन्दुआई अथवा प्रसंगार्थ गलती कर बैठते हैं, तो किसी के आपत्ति के बाद तर्क करें, परंतु यह तर्क कदापि कुतर्क ना हो ! सुतर्क के बाद गलतियाँ मान लेना हमारी बूड़बकाई या नादानी थोड़े ही होगी ! इससे नोबेल या रशियन लिटरेरी क्लब से सम्मानित रचनाकार ही क्यों न हो ?
अन्यथा, 'मियां-मिट्ठू' बनने के चक्कर में वो न मियां बन पायेंगे, न ही उनका मुँह मिट्ठा हो पायेगा ! हाँ, बबली और बंटी बनने वाले रचनाकार-गिरामी मेरी बातों को दरकिनार कर सकते हैं !
'टी.मनु'
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