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8.03.2016

'देर से पर दिल से बधाई !!'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     03 August     कविता     No comments   

'संविंधान निर्माता', आप जहाँ भी हो , आपको यह कविता दिल से समर्पित !!

कभी वेमुला मामला ;
कभी JNU मामला ;
कभी NIT मामला ;
किश्तों में अटका "सविंधान निर्माता" की 'सोने की चिड़िया'
.................................................................................
तुमने सविंधान बनाया , पर लोकसभा चुनाव जीत न पाएं ;
भारत को तुमने समझा ,पर भारत तुमको समझ न पाया ..!!
.................................................................................
कोई न देखे , बस "अवॉर्ड" लोटावें ;
और कहत हम 'राइटर' कहलावें ;
...................................................................................
मामला पुराना होवत जात है ;
तब याद आवें 'वोटबैंक' के खातिर 'दलित का जन्मदिन';
.....................................................................................
क्या करें भाई ... 'ऐसी है संविधान निर्माता का जन्मदिन"...!!
......................................................................................
लोग भूल गए इन्हें ;
टिकेटों में "सिमटी" है इनकी दुनिया ;
कभी "2 पैसे" तो कभी "20 रुपये" में बिकते है ...!!
.......................................................................................
लेकिन सरकारी रूप में ;
कभी "मोहर" का मार खाते है ;
........................................................................................
तो कभी "स्पीड पोस्ट" के धक्के;
क्या ऐसी रहेगी "देशभक्तों" की 'ज़िन्दगी' के बाद का जन्मदिन ...!!
....................................कुछ भी हो जाय...............................
लेकिन फिर भी हम कहेंगे ....
मेरा भारत महान
मेरा भारत महान ...!!
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