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7.31.2022

"जुलाई 2022 के 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में लेखिका आशा शर्मा जी को जानिये, उन्हीं की जुबानी"

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     31 July     इनबॉक्स इंटरव्यू     11 comments   

जुलाई माह की समाप्ति, परंतु 'श्रावण' (सावन) मास अभी कुछ दिन और रहेंगे। जुलाई के अंतिम दिन (31 जुलाई) महान कथासम्राट प्रेमचंद की जन्म-जयंती है। वे अपने नामों में 'नवाब' को त्यागे, 'धनपत' को त्यागे, परंतु 'प्रेम' को न सिर्फ़ सँभाले रखे, अपितु ताउम्र सँजोये रखे रहे। आज दुनिया 'प्रेमचंद' नाम से ही जानते हैं। एकबार प्रेमचंद ने लिखा था- "मैं मजदूर हूँ, जिस दिन ना लिखूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का अधिकार नहीं।" मैसेंजर ऑफ आर्ट के जुलाई 2022 के 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में एक सेवानिवृत्त बैंकर के लेखिका बनने की गाथा उन्हीं की जुबानी, जो बैंक में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध सेवाकार्यावधि में लड़ती रही, उनके लिए कलम उठायी और सुखद परिणाम यह हासिल की यानी खुद लेखिका बन गयी। आइये, 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में श्रीमती आशा शर्मा के बारे में उन्हीं की जुबानी जानते हैं- गझिन प्रश्नों का सुलझे उत्तर....

श्रीमती आशा शर्मा 

प्र.(1.) आपके कार्यों/अवदानों को सोशल/प्रिंट मीडिया से जाना। इन कार्यों अथवा कार्यक्षेत्र के बारे में बताइये ?

उ:-

मैं रिटायरमेंट के बाद लिखने लगी हूँ। मन पर किसी चीज का बोझ न रहे, उसे लिख देती हूँ यानी आर्टिकल या कविता के रूप में।


प्र.(2.) आप किसप्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें कि यह आपके इन उपलब्धियों तक लाने में किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?

उ:-

मैं बैंक से बैंक मैनेजर की पद से सेवामुक्त हुई हूँ। लिखने का ख़्याल मुझे बैंक में ही आया। काफी कुछ गलत होते देखा, बैंकों को खत्म होते देखा। क्राइम करनेवाले काम करनेवालों को दबाते थे। मुझसे यह सब सहन नहीं हो पाई, तो मैंने कलम उठा ली।


प्र.(3.) आपका जो कार्यक्षेत्र है, इनसे आमलोग किसतरह से प्रेरित अथवा लाभान्वित हो रहे हैं ?

उ:-

कार्यक्षेत्र में तो मैंने चापलूसी करनेवालों और बढ़-चढ़कर काम बिगाड़ने वालों को बहुत-बहुत खुश और आगे बढ़ते देखा।


प्र.(4.) आपके कार्यों में जिन रूकावटों, बाधाओं या परेशानियों से आप या आपके संगठन रूबरू हुए, उनमें से कुछ बताइये ?

उ:-

बैंक में पब्लिक डीलिंग होती है, अगर आप एक अच्छे बैंकर की तरह काम कर रहे हैं और आप को लोग लिखकर तारीफ करते हैं, तो सहकर्मियों को सहन नहीं होती। आपकी झूठी शिकायतें होती हैं और जब शिकायत सही साबित नहीं होती, तो कोई एक्शन नहीं होता, परंतु तबतक सम्मान को क्षति पहुँच चुकी होती हैं, क्षतिपूर्ति की भरपाई कोई नहीं कर सकते !


प्र.(5.) अपने कार्यक्षेत्र हेतु क्या आपको आर्थिक दिक्कतों से दो-चार होने पड़े अथवा आर्थिक दिग्भ्रमित के शिकार तो न हुए ? अगर हाँ, तो इनसे पार कैसे पाए ? 

उ:-

मैं खुद बैंक में थी। पति भी नौकरी करते थे, आर्थिक दिक्कत भी न थी, ना ही कभी आर्थिक दिग्भ्रमित हुए। हम तो लोगों को बताते थे कि इन हालातों से कैसे निपटना है ?


प्र.(6.) आपने यही क्षेत्र क्यों चुना ? आपके पारिवारिक सदस्य क्या इस कार्य से संतुष्ट हैं या उनसबों को आपके कार्य से कोई लेना देना नहीं !

उ:-

बैंक मेरा पसंदीदा कार्य क्षेत्र था। मेरे परिवार ने मुझे पूरा सहयोग दिया। लिखते समय मेरे पति और मेरे बच्चे मुझे सहयोग देते हैं, घर में भी और बाहर भी।


प्र.(7.) आपके इस विस्तृत-फलकीय कार्य के सहयोगी कौन-कौन हैं ?

उ:-

सबसे पहले मैं ईश्वर का धन्यवाद करती हूँ, फिर मेरे पति और परिवार को, जिनके सहयोग के बगैर साहित्यिक कार्य बहुत कठिन हो जाता। मैं शुक्रगुजार हूँ उन साहित्यिक सभाएं का, जिन्होंने मुझे सुना और मार्गदर्शन किया, फिर मेरा हौसला बढ़ाया। ज्ञानदीप साधना मंच, त्रिवेणी साहित्य परिषद, साहित्य कलश-- इन सब सभा के लोगों ने जहाँ मार्गदर्शन की, तो मैं दो-दो साहित्यिक सभा भी चला रही हूँ- एक, राष्ट्रीय काव्या सागर और दूसरी, पंजाब दा काव्या सागर।


प्र.(8.) आपके कार्य से भारतीय संस्कृति कितनी प्रभावित होती हैं? इससे अपनी संस्कृति कितनी अक्षुण्ण रह सकती हैं ?

उ:-

वास्तव में मैं उसके विरुद्ध ही लिखती हूँ, जो मुझे गलत अहसास कराती हैं। अगर मेरा महसूस करना ठीक है, तो यही समझता हूँ कि लोग उन गलतियों को नापसंद करते हैं। मैं उम्मीद करती हूँ कि मेरी आवाज़ सरकार के कानों तक भी पहुंचेगी और मैं सामाजिक कुरीतियां को दूर करने की कोशिश करती रहूँगी।


प्र.(9.) भ्रष्टाचारमुक्त समाज और राष्ट्र बनाने में आप और आपके कार्य कितने कारगर साबित हो सकते हैं !

उ:-

भ्रष्टाचारमुक्त समाज के लिए हर आदमी को अपनी जिम्मेवारी लेनी होगी। अगर मैं सही काम करती हूँ, तो यह मेरा संस्कार और मेरी नीति है। अब किसी की कैसी हालात हैं, उसकी सोच उसकी परवरिश पर निर्भर है। इसमें संस्कार का बहुत बड़ा योगदान है।


प्र.(10.) इस कार्यक्षेत्र के लिए आपको कभी आर्थिक मुरब्बे या कोई सहयोग प्राप्त हुए या नहीं ? अगर मिले, तो क्या ?

उ:-

मुझे शुरू में सभी कार्य खुद ही करना होता था, फिर एक कमेटी बनाई, उनका सहयोग मिला। भाषा विभ पंजाब ने एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में हमारे ग्रुप को पांच हजार रुपये का पारितोषिक भी मिली।


प्र.(11.) आपके कार्यक्षेत्र में कोई दोष या विसंगतियाँ, जिनसे आपको कभी धोखा, केस या मुकद्दमे का सामना करना पड़ा हो !

उ:-

जी, लेखन के क्षेत्र में कभी ऐसा नहीं हुआ।


प्र.(12.) कोई पुस्तक, संकलन या ड्राफ्ट्स जो इस संबंध में प्रकाशित हो तो बताएँगे ?

उ:-

मेरी खुद की लिखी पुस्तकें हैं- खुद से गुफ्तगू, राष्ट्रीय काव्या सागर, मंजिलें पब्लिश हो रही हैं। कनाडा की किताब फलक में मेरी कहानियों को जगह मिली है। देश विदेश के अखबारों में मेरी कविताएँ और मेरे बारे में छपा है। कई साझा संकलन में मेरी कविताएँ छपी हैं।


प्र.(13.) इस कार्यक्षेत्र के माध्यम से आपको कौन-कौन से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, बताएँगे ?

उ:-

बहुत से सम्मान मिले हैं। अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में वाइस चांसलर, पंजाबी यूनिवर्सिटी ने और पंजाबी सहित सभा भारत, दुनियां की पंजाबी जगत सभा ने, पंजाबी यूनिवर्सिटी ने मुझे सम्मानित किया है। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस सम्मान सहित महिला दिवस पर मुझे सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल ने सम्मानित किया है। आल इंडिया रेडियो पटियाला से मेरी कविता, मेरे साक्षात्कार महिला दिवस पर प्रसारित हुई।

कई टीवी चैनल्स ने मेरे कवि दरबार को सम्मानित किया। कई टीवी चैनल्स पर मैंने कवि दरबार संचालित किए। बहुत से शहरों में मुझे सम्मानित किए गए।


प्र.(14.) कार्यक्षेत्र के इतर आप आजीविका हेतु क्या करते हैं तथा समाज और राष्ट्र को अपने कार्यक्षेत्र के प्रसंगश: क्या सन्देश देना चाहेंगे ?

उ:-

मैं अवकाशप्राप्त बैंक प्रबंधक रही हूँ। अपनी आजीविका सेवानिवृत्ति पेंशन से चलती है। मेरी लिखी पुस्तकें भी लोग पसंद करते हैं, खरीदते हैं। किताबें लिखने के बाद छपवाने के लिए दिक्कत आती है।


आप हँसती रहें, मुस्कराती रहें, स्वस्थ रहें, सानन्द रहें।"..... 'मैसेंजर ऑफ ऑर्ट' की ओर से सहस्रशः शुभ मंगलकामनाएँ !

नमस्कार दोस्तों !

मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' में आपने 'इनबॉक्स इंटरव्यू' पढ़ा। आपसे समीक्षा की अपेक्षा है, तथापि आप स्वयं या आपके नज़र में इसतरह के कोई भी तंत्र के गण हो, तो हम इस इंटरव्यू के आगामी कड़ी में जरूर जगह देंगे, बशर्ते वे हमारे 14 गझिन सवालों  के सत्य, तथ्य और तर्कपूर्ण जवाब दे सके !
हमारा email है:- messengerofart94@gmail.com

 


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11 comments:

  1. AnonymousJuly 31, 2022

    Very good

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    1. AnonymousAugust 02, 2022

      Ji shukriya

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    2. Reply
  2. Asha sharnaJuly 31, 2022

    बहुत बहुत धन्यवाद आभार,

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  3. AnonymousJuly 31, 2022

    You are a Great personality mam

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    1. AnonymousAugust 02, 2022

      Ji bahut bahut shukriya,i m doing what I can

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    2. Reply
  4. AnonymousJuly 31, 2022

    एकदम बहुत प्रभावशाली साक्षात्कार

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    Replies
    1. AnonymousAugust 02, 2022

      Ji shukriya

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    2. Reply
  5. AnonymousAugust 01, 2022

    Amazing!

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    1. AnonymousAugust 02, 2022

      Ji shukriya

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    2. Reply
  6. AnonymousAugust 04, 2022

    Very good

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    1. AnonymousAugust 05, 2022

      Ji bahut bahut shukriya

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        Reply
    2. Reply
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