MESSENGER OF ART

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Contribute Here
  • Home
  • इनबॉक्स इंटरव्यू
  • कहानी
  • कविता
  • समीक्षा
  • अतिथि कलम
  • फेसबुक डायरी
  • विविधा

6.27.2022

'हिन्दी को समेटी 4 पृष्ठ के अद्भुत नवाचार ने...'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     27 June     समीक्षा     1 comment   

आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, डॉ. एन. डी. शास्त्री द्वारा समीक्षित डॉ. दशरथ मसानिया की कृति 'हिंदी दोहावली' की शानदार समीक्षा.......

डॉ. एन. डी. शास्त्री


आज मुझे सोशल मीडिया के समूह में एक पीडीएफ फाइल को खोल कर पढ़ने का मौका मिला, जिसमें आश्चर्यजनक संग्रहणीय शोध नवाचार मात्र A4 कागज के 4 पृष्ठ में  हिन्दी शिक्षण के 220 दोहे जो 'हिन्दी दोहावली' के नाम प्रकाशित हैं।

इसके रचयिता म. प्र. आगर मालवा के उत्कृष्ट उच्चतर मा. वि. के राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक डॉ. दशरथ मसानिया हैं।

इस नवाचार के बारे में गुजरात के प्रोफेसर डॉ भगवानदास लिखते हैं- "ये दोहे छात्रों एवं शिक्षकों के लिए ग्राह्य है। सचमुच डॉ. मसानिया ने इस नवाचार के बहाने हिंदी आकाश गंगा को धरती पर लाने के लिए जिस भागीरथी कार्य को अंजाम दिया है, वह मुक्त कंठ से प्रशंसनीय है।"

पाल बघेल टाइम्स ग्वालियर की पत्रिका के जुलाई 2015 के अंक पृष्ठ 23 में मुंबई की साहित्यकार मुमताज अजीज नाज ने भी लिखा है- "मैं समझती हूं कि डॉ. मसानिया द्वारा रचित शोध नवाचार 'हिंदी दोहावली' अब तक की सबसे संक्षिप्त लघु पुस्तिका है। इसमें गागर में सागर भरकर हिंदी के इतिहास, व्याकरण, गद्य की विधायें तथा काव्य सौन्दर्य का बहुत ही कुशलता से समावेश किया गया है।     

म. प्र. लोक शिक्षण आयुक्त नीरज दुबे ने भी अपने अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1591/दिनांक 15. 6.2017 में लिखा है- 'आपका यह प्रयास सराहनीय है। इस पहल से विद्यार्थीगण व्याकरण की गायन विधि से भी परिचित होंगे, जिसमें उन्हें सीखने का अवसर मिलेगा। आशा है, आप इस प्रकार के नवाचार निरंतर करते रहेंगे।जेड

मैंने इसे बार- बार पढ़ा। हर बार पढ़ने में कुछ नया मिला। इतिहास के 100, व्याकरण के 40, गद्य विधा के रूप 40 रस, छंद, अलंकार, शब्द शक्ति के 40 दोहे तथा आधुनिक काल और गद्य विधा विभाजन की सारणियां सब कुछ इशारों में ही समझा देती है। मजेदार बात यह है इसे स्नातक, स्नातकोत्तर, नेट, पी एस सी, यूजीसी आदि परीक्षा में भी उपयोगी हो सकती है, यदि समझने की क्षमता हो, तो ऐसे नवाचार निश्चित ही पाठ्यक्रमों में लागू कर हिन्दी का विस्तार आसानी से किया जा सकता है।


 नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं। इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।

  • Share This:  
  •  Facebook
  •  Twitter
  •  Google+
  •  Stumble
  •  Digg
Newer Post Older Post Home

1 comment:

  1. AnonymousJune 30, 2022

    बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय

    ReplyDelete
    Replies
      Reply
Add comment
Load more...

Popular Posts

  • 'रॉयल टाइगर ऑफ इंडिया (RTI) : प्रो. सदानंद पॉल'
  • 'महात्मा का जन्म 2 अक्टूबर नहीं है, तो 13 सितंबर या 16 अगस्त है : अद्भुत प्रश्न ?'
  • "अब नहीं रहेगा 'अभाज्य संख्या' का आतंक"
  • "इस बार के इनबॉक्स इंटरव्यू में मिलिये बहुमुखी प्रतिभाशाली 'शशि पुरवार' से"
  • 'जहां सोच, वहां शौचालय'
  • "प्यार करके भी ज़िन्दगी ऊब गई" (कविताओं की श्रृंखला)
  • 'कोरों के काजल में...'
  • 'बाकी बच गया अण्डा : मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट'
  • "समाजसेवा के लिए क्या उम्र और क्या लड़की होना ? फिर लोगों का क्या, उनका तो काम ही है, फब्तियाँ कसना !' मासिक 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में रूबरू होइए कम उम्र की 'सोशल एक्टिविस्ट' सुश्री ज्योति आनंद से"
  • "शहीदों की पत्नी कभी विधवा नहीं होती !"
Powered by Blogger.

Copyright © MESSENGER OF ART