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11.10.2021

'मुझे बहुत अच्छा लगता है...'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     10 November     कविता     No comments   

आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, कवयित्री कांची सिंघल ओस जी की प्रेमपूर्ण रचना.......

मुझे बहुत अच्छा लगता है,

झुमके पहन के इतराना

लगता है जैसे,

टकरा रहे हैं तेरे बोसे मेरी कनपटियों से

झुमकों की सुनहरी रंगत !


चमकती है चेहरे पर सोना बन के

और मैं इतरा जाती हूँ ख़ुद पर ऐसे,

जैसे तुम सराह रहे हो मुझे,

जब झुमके के मोती बजते है

तो लगता है जैसे तुम बुदबुदा रहे हो,

अपनी मुहब्बत मेरे कानों में !


तुम जानते हो न,

मुझे बहुत पसंद है झुमकों में इतराना,

तो जब मुझसे मिलने आना

तो मेरे लिये तोहफे में

कोई सुनहरा झुमका लाना !


नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं।
 इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
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