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9.30.2021

कालजयी कृति 'मगर का शिकार' का पोस्टमार्टम...(लघु प्रेरक समीक्षा)

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     30 September     समीक्षा     No comments   

आदरणीय पाठकगण !

आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट की टटका कड़ी में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासेवक प्रेमचंद की कथा मगर का शिकार की समीक्षा.......

फ़ोटो साभार : गूगल

प्रेमचंद की कहानी 'मगर का शिकार' !

मगर मतलब अगर-मगर नहीं, मगरमच्छ ! जीवन को मारना यानी जीवों का शिकार करना क्या कला है ? क्या प्रस्तुत कथा में उद्धृत घटनाएं कथाकार के साथ घटित हुई है ? क्या मगरमच्छ के शिकार के लिए बकरी के बच्चे को चारा बनाया जाता है ? इस निरीह बच्चे का क्या दोष ? क्या दोनों तरह की जीवहत्या पाप नहीं है ?
जो भी हो, प्रेमचंद रचित कहानी 'मगर का शिकार' सत्य घटना पर आधारित कथा हो सकती है, मगर लेखक द्वारा अगर जीवहत्या की कुत्सित कांड को रोके जाने पर अपने लेखनकर्म में जोर देते, तो प्रकृति की कई सजीव कृतियाँ न विलुप्त होतीं, न ही गुमनाम !

नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।

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