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9.20.2021

कालजयी कृति 'कायापलट' का पोस्टमार्टम...(लघु प्रेरक समीक्षा)

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     20 September     समीक्षा     No comments   

आदरणीय पाठकगण !

आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट की ताज़ा कड़ी में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी कायापलट की असाधारण समीक्षा.......

फ़ोटो साभार- गूगल
प्रेमचंद की कहानी 'कायापलट' !
'काया' से आशय देह से है, किन्तु कायापलट से आशय स्थितियों व अवस्थाओं में अचानक हुए बदलाव व परिवर्त्तन से है ! क्या प्रस्तुत कथा किसी उपन्यास का अंश है ?
क्या धार्मिक ग्रंथों का कसम खाना उस समय आसान था ? क्या बाजार आने-जाने का भी समय होता है ? क्या सुंदर महिलाएं ही अच्छी होती हैं, बाद बाकी नहीं ?
जो भी हो, प्रेमचंद रचित कहानी 'कायापलट' अजीब सच्चाई लिए गझिन दास्तां है, जो वास्तविक तो है, किन्तु पढ़ते-पढ़ते मन विच्छृंखल हो जाती है, बांध नहीं पाती है !

नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं।
 इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।



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