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1.10.2020

'बेटी की शादी स्वधर्म और स्वजाति से अलग क्यों नहीं ?'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     10 January     फेसबुक डायरी     No comments   

शादी-विवाह पर प्रत्येक व्यक्तियों के अलग-अलग राय हो सकते हैं, लेकिन मैसेंजर ऑफ आर्ट में आज पढ़ते हैं एक अद्वितीय विचार शादी-विवाह के बारे में...



कोई ब्राह्मण अपनी बेटी की अरेंज मैरिज किसी मोची के लड़के से कराकर तो देखें ! देश में जिस दिन से हर कोई शादी-विवाह में अपनी धर्म और जाति से परे अरेंज मैरिज करने के बारे में सोचने लग जाएंगे, उस दिन से भारत एक सच्चा 'धर्मनिरपेक्ष' राष्ट्र कहला सकेगा !

-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
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