MESSENGER OF ART

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Contribute Here
  • Home
  • इनबॉक्स इंटरव्यू
  • कहानी
  • कविता
  • समीक्षा
  • अतिथि कलम
  • फेसबुक डायरी
  • विविधा

10.09.2019

लप्रेस : 'बेस्टसेलर की मल्लिका' (लघु प्रेरक समीक्षा)

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     09 October     समीक्षा     No comments   

यह पुस्तक सोचने पर मजबूर करती है कि लेखकों की दुनिया कैसी होती है ? बेस्टसेलर लेखक बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है ?
तो आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में आज पढ़ते हैं श्रीमान रवि सुब्रह्मण्यन की पुस्तक 'बेस्टसेलर की मल्लिका' की लघु प्रेरक समीक्षा...



#लप्रेस #लघु_प्रेरक_समीक्षा

कहानी शुरुआत में धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और ज्यादातर समय युगल आदित्य और श्रेया के रोमांटिक दृश्यों को कवर करती है, लेकिन कहानी अपनी मुकाम पर पहुंचने बाद तेज गति से हमें रोमांचित भी करती है, परंतु पुस्तक का अनुवाद सही रूप में नहीं हो पाया है !

-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।

  • Share This:  
  •  Facebook
  •  Twitter
  •  Google+
  •  Stumble
  •  Digg
Newer Post Older Post Home

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

  • 'रॉयल टाइगर ऑफ इंडिया (RTI) : प्रो. सदानंद पॉल'
  • 'महात्मा का जन्म 2 अक्टूबर नहीं है, तो 13 सितंबर या 16 अगस्त है : अद्भुत प्रश्न ?'
  • "अब नहीं रहेगा 'अभाज्य संख्या' का आतंक"
  • "इस बार के इनबॉक्स इंटरव्यू में मिलिये बहुमुखी प्रतिभाशाली 'शशि पुरवार' से"
  • 'बाकी बच गया अण्डा : मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट'
  • "प्यार करके भी ज़िन्दगी ऊब गई" (कविताओं की श्रृंखला)
  • 'जहां सोच, वहां शौचालय'
  • "शहीदों की पत्नी कभी विधवा नहीं होती !"
  • 'कोरों के काजल में...'
  • "समाजसेवा के लिए क्या उम्र और क्या लड़की होना ? फिर लोगों का क्या, उनका तो काम ही है, फब्तियाँ कसना !' मासिक 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में रूबरू होइए कम उम्र की 'सोशल एक्टिविस्ट' सुश्री ज्योति आनंद से"
Powered by Blogger.

Copyright © MESSENGER OF ART