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6.18.2018

'गर्मी में फुटबॉल की गर्मी'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     18 June     विविधा     No comments   

ग्रीष्मावकाश का अंतिम सप्ताह है । गर्मी की भरी जवानी में विद्यालय खुल रहे हैं । तब कुछेक कमरेवाले विद्यालय में मानव संसाधन का पावर हाउस से बिजली नहीं, अपितु पसीना और बदबू निकलेंगे । शिक्षालय में गर्मी की इस भरी जवानी की दुर्गन्धता से कोई अगरबत्ती भी सुगंधित नहीं कर पायेगा । बिहार के कितने विद्यालय में बिजली है और जहां बिजली कनेक्ट है और पंखें नहीं है तथा जहां पंखें है, वहां बिजली सप्लाई अल्प है, उनमें भी असमय । गर्मी में विद्यालय में ग्रीष्मावकाश या तो लम्बी हो, अन्यथा छुट्टी ही न हो, तब ऐसे ही परेशान हो अनुकूलित हो जाएंगे ! आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, गर्मी में फुटबॉल की गर्मी पर ननकी आलेख ...




फुटबॉल वर्ल्ड कप का आगाज़ हो चुका है । पहलीबार यह रूस में आयोजित हो रहा है, जहाँ 32 देशों के फुटबॉल टीम भाग ले रहे हैं । हॉकी वाले भारत में अब चूँकि यहाँ 'क्रिकेट' ही लोकप्रिय है । ग्रामीण लोकप्रियता में फुटबॉल यहाँ प्रथम स्थान पर है और अब जिस तरह से सुनील छेत्री के नेतृत्व में भारत में फुटबॉल आगे बढ़ रहा है, जो भविष्य में निश्चित ही वर्ल्ड कप में भारत प्रतिनिधि के तौर पर खेलेगा । इधर ही भारत ने अंतर महाद्वीपीय मैच में केन्या को हराकर तथा सुनील छेत्री द्वारा मैसी के गोल की बराबरी कर जिस मुकाम को हासिल किया है । यह भारत में फुटबॉल का स्वर्णिम दिन साबित होगा! बहरहाल, वर्ल्ड कप फुटबॉल का मज़ा लीजिए।

-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।

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