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8.03.2017

'#JUSTICE4राखियाँ'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     03 August     अभियान     No comments   

#justice4rakhiyan

मैंने जब से होश संभाला है, हर वर्ष के 'रक्षा बंधन' में अपनी दीदी को ही 'राखी' बाँधा है, क्योंकि मैं देखता था कि वो भैया और मुझ छुटकू के कलाई में राखी बाँधती रही थी और मुझे ललाट पर तिलक लगाती हुई मिठाई भी खिलाती थी.... यह कैसा पर्व है, खुद उनकी कलाई खाली, ललाट खाली और मिठाई से भी परहेज ली हुई ?



क्या रक्षा बंधन सिर्फ बहनों की कर्तव्यपरायणता की ही कहानी है, भाइयों को बहन द्वारा ऐसी की जाने पर ही सुरक्षा प्राप्त होना कुछ ज्यादा कथ्यकारक तो नहीं ! छुटकू होने के नाते बचपन से ही मुझे मेरी बहनों ने न केवल सुरक्षित रखा, अपितु आज जब कैसी भी मुसीबत आती है, तो वे ढाल बन कर मेरी सुरक्षा प्रदान करती हैं ।

लगभग 10 सालों से मैं अपनी बहनों को राखी बांधता रहा हूँ, ताकि वे मेरी रक्षा यूँ करती रहे ! कुछ लोग शायद मुझे स्वार्थी कह सकते हैं, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता, क्योंकि अगर ऐसा होता तब तो कोई माँ अपने बच्चों की रक्षा के लिए जो कार्य करतीं, तब उनकी कृत्य भी स्वार्थीसिद्धि की परिभाषा में गिना जाता !

क्यों न इस रक्षा बंधन में आप भी अपनी बहनों को राखी बांधे और उसे खूब प्रचारित-प्रसारित करें, क्योंकि किसी-न-किसी मोड़ पर वो आपकी रक्षा जरूर करती हैं, चाहे बहन का रिश्ता 'रक्त' से जुड़ा हो या न हो ?



दोस्तों !!
आप फेसबुक पर बहनों की कलाई में राखी बाँधते खींची सेल्फी को स्वयं के पोस्ट में डाल हमें टैग कर सकते हैं अथवा सेल्फी के नीचे इस दृष्टि का कैप्शन ( #justice4राखियाँ )भी दे सकते हैं । हाँ, इसपर हम भाइयों के लाड़-प्यार टपकने चाहिए । मैं इसे 'मैसेंजर ऑफ ऑर्ट' पर भी जगह दे सकता हूँ ।

--- प्रधान प्रशासी-सह-संपादक ।
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