MESSENGER OF ART

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Contribute Here
  • Home
  • इनबॉक्स इंटरव्यू
  • कहानी
  • कविता
  • समीक्षा
  • अतिथि कलम
  • फेसबुक डायरी
  • विविधा

5.15.2017

"उनकी माँस पे मेरा रोमांस"

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     15 May     कविता     No comments   

सभ्यता के आरंभ यानी आदिमानव काल में स्त्रीलिंग का कोई भी रूप यौन-तृप्ति लिए था, किन्तु सभ्यता में संस्कृति के शुरूआत से अब तक पुरुष प्रधान समाज ने नारी को ठगने की श्रमसाध्य कोशिश किये हैं ! कभी माँ को ममतामयी प्रतिमूर्ति बतलाकर, कभी पत्नी के हाड़ को उनकी मांस व रोमांस कह भोगकर और बेटी,बहु आदि रूप में  बाप व ससुर का डर  दिखाकर... यानी सबमें पुरुष वर्चस्व ! आज मैसेंजर ऑफ ऑर्ट लेकर आई है, श्रीमान अवधेश कुमार 'अवध' की आन-बान-शान वाली कुण्डलियाँ, जिनमें नारी की वंदना सहित नैतिकता का पाठ पढ़ाए गए हैं, तो आइये, इसे पढ़ते हैं ...




कुंडलिया त्रय

नारी  दुर्गा,  चंडिका, नारी  लक्ष्मी   रूप ।
तप्त हृदय में छाँव यह, शीत लहर में धूप ।।
शीत लहर में धूप, प्रकृति की उत्तम रचना ।
वात्सल्य  की  मूर्ति, नराधम  इनसे बचना ।।
करो अवध स्वीकार, पिता  की  राजदुलारी ।
मानव अब लो चेत, सृष्टि की जननी नारी ।।

🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃

सादर वंदन  राष्ट्र को, आन, बान अरु शान ।
जिसकी पावन भूमि पर, सकल सिद्ध अरमान ।।
सकल सिद्ध अरमान, राष्ट्र  है  सबसे ऊपर ।
मातु पिता गुरु भ्रात, सकल हैं भारत भू पर ।।
कहत अवध हे नाथ, कभी नहीं होय अनादर ।
देव सरिस है राष्ट्र, झुकाओ  सिर को सादर ।।

🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶🚶

खूब  प्रतिष्ठा चाहिए, सबकी  होती चाह ।
नैतिकता के साथ ही, चुनो सत्य की राह ।।
चुनो सत्य  की राह, परीक्षा देनी होगी ।
रखना  होगा  भेद, बीच योगी अरु भोगी ।।
कहत अवध हे मीत, निभाओ दिल से निष्ठा ।
सबका  रक्खो  मान, बढ़ेगी खूब प्रतिष्ठा ।।

नमस्कार दोस्तों ! 


'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
  • Share This:  
  •  Facebook
  •  Twitter
  •  Google+
  •  Stumble
  •  Digg
Newer Post Older Post Home

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

  • 'रॉयल टाइगर ऑफ इंडिया (RTI) : प्रो. सदानंद पॉल'
  • 'महात्मा का जन्म 2 अक्टूबर नहीं है, तो 13 सितंबर या 16 अगस्त है : अद्भुत प्रश्न ?'
  • "अब नहीं रहेगा 'अभाज्य संख्या' का आतंक"
  • "इस बार के इनबॉक्स इंटरव्यू में मिलिये बहुमुखी प्रतिभाशाली 'शशि पुरवार' से"
  • 'जहां सोच, वहां शौचालय'
  • "प्यार करके भी ज़िन्दगी ऊब गई" (कविताओं की श्रृंखला)
  • 'कोरों के काजल में...'
  • 'बाकी बच गया अण्डा : मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट'
  • "समाजसेवा के लिए क्या उम्र और क्या लड़की होना ? फिर लोगों का क्या, उनका तो काम ही है, फब्तियाँ कसना !' मासिक 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में रूबरू होइए कम उम्र की 'सोशल एक्टिविस्ट' सुश्री ज्योति आनंद से"
  • "शहीदों की पत्नी कभी विधवा नहीं होती !"
Powered by Blogger.

Copyright © MESSENGER OF ART