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5.13.2021

कालजयी कृति 'कौशल' का पोस्टमार्टम...(लघु प्रेरक समीक्षा)

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     13 May     समीक्षा     No comments   

आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट की टटका कड़ी में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी कौशल की अद्वितीय समीक्षा.......


प्रेमचंद की कहानी 'कौशल' !

हालाँकि 'हार' शब्द द्विलिंगी है यानी स्त्रीलिंग और पुल्लिंग दोनों ! ऐसी मान्यता है, पहननेवाले 'हार' पुल्लिंग है, जबकि मुकद्दमे या लड़ाईवाली 'हार' स्त्रीलिंग है !

यहाँ हार के पुल्लिंग रूप को दृष्टिगत रखते हुए कहना है कि प्रस्तुत कथानुसार क्या वो 'हार' असली था ? क्या वो 'हार' वाकई में 20 तोले का था ? क्या झूठ कहना उस समय के पुरोहिताई पंडित जी की पत्नी के लिए आम बात होती थी ? क्या महिलायें द्रव्य अथवा आभूषण के प्रति इतनी आसक्त होती हैं ? ऐसी आसक्ति की कथा प्रस्तुत कहानी में वर्णित है !

जो भी हो, हिंदी कहानी 'कौशल' में कथासम्राट ने महिलाओं की मनःस्थिति वाली 'कौशल' शैली को नहीं समझ पाए हैं ! अगर समझ पाते, तो यह कहानी परिपूर्ण वास्तविकता लिए होती !

नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
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