आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट की टटका कड़ी में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी कौशल की अद्वितीय समीक्षा.......
प्रेमचंद की कहानी 'कौशल' !
हालाँकि 'हार' शब्द द्विलिंगी है यानी स्त्रीलिंग और पुल्लिंग दोनों ! ऐसी मान्यता है, पहननेवाले 'हार' पुल्लिंग है, जबकि मुकद्दमे या लड़ाईवाली 'हार' स्त्रीलिंग है !
यहाँ हार के पुल्लिंग रूप को दृष्टिगत रखते हुए कहना है कि प्रस्तुत कथानुसार क्या वो 'हार' असली था ? क्या वो 'हार' वाकई में 20 तोले का था ? क्या झूठ कहना उस समय के पुरोहिताई पंडित जी की पत्नी के लिए आम बात होती थी ? क्या महिलायें द्रव्य अथवा आभूषण के प्रति इतनी आसक्त होती हैं ? ऐसी आसक्ति की कथा प्रस्तुत कहानी में वर्णित है !
जो भी हो, हिंदी कहानी 'कौशल' में कथासम्राट ने महिलाओं की मनःस्थिति वाली 'कौशल' शैली को नहीं समझ पाए हैं ! अगर समझ पाते, तो यह कहानी परिपूर्ण वास्तविकता लिए होती !
नमस्कार दोस्तों !
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