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9.03.2022

'तुम्हारे दामन में खुशियों को देख मैं...'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     03 September     कविता     1 comment   

आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, कवि और लेखक श्रीमान आर.डी. आनंद की असाधारण रचना.......

श्रीमान आर.डी. आनंद

तुम्हारे दामन में खुशियों को देख मैं जल गया,
मैं रफीक हूं या रकीब बड़ी कश्मकश है मुझमें।

तुम्हारा यूं खिलखिलाना दाग है मेरे सीने पर,
कमबख्त अदावत है या कोई टीस उठी है मुझमें।

बीते हुए लम्हों की खनक से तुम अभी नहीं उबरे,
मुझे छूकर हवा गुजर गई कुछ तो कमी है मुझमें।


नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email-messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
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1 comment:

  1. AnonymousAugust 29, 2022

    शुक्रिया साथियों। आप मुझे इस लायक समझते हैं कि मेरी रचना को असाधारण कह कर मुझे पुरस्कृत कर देते हैं। आभार मित्रों।

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