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2.08.2022

'फिर आइने में ख़ुद को सँवारा न जाएगा...'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     08 February     कविता     No comments   

 आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, कवयित्री किरण यादव की अद्भुत रचना.......

सुश्री किरण यादव

फिर आइने में ख़ुद को सँवारा न जाएगा,

हमसे किसी को अब यूँ पुकारा न जाएगा-

ये उनकी बेवफ़ाई वो एहसान है 'किरन'

जो हमसे सारी उम्र उतारा न जाएगा।

नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।

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