MESSENGER OF ART

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Contribute Here
  • Home
  • इनबॉक्स इंटरव्यू
  • कहानी
  • कविता
  • समीक्षा
  • अतिथि कलम
  • फेसबुक डायरी
  • विविधा

1.01.2022

'भारतीय पंचांग आधारित वर्ष का भी स्वागत हो...'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     01 January     अतिथि कलम     No comments   

'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' के आदरणीय पाठकगण को नूतन, नवकोंपल, नवप्रभात, नवीन, नवत्सर, नवनीत, नवोत्पन्न, नवजागरण, नवभ्युदय, नवसंस्कृति, नवोत्थान, नई, नवागंतुक, नवस्फूर्ति, नूतनाशा, नवपेक्षा, नवश्रृंगार, नवरूप, नवरंग, नवरास, नवविनोद, नवलीन नववर्ष 2022 की नवकामनायें। आइये, 2022 की शुरुआत करते हैं, श्रीमान डॉ. सदानंद पॉल के लघु आलेख से.......

डॉ. सदानंद पॉल

नूतन वर्ष 2022 का स्वागत है, तथापि जब भी अंग्रेजी नववर्ष आते हैं, तो इस नववर्ष के प्रथम दिवस का लोग बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। ज्ञात हो, यह ग्रेगेरियन व अंग्रेजी ईसाइयत कैलेंडर पर आधारित प्रथम दिवस है। भारतीय पंचांग का मूलभाव विक्रमी संवत लिए है, जिनका प्रथम दिवस चैत्र कृष्ण पक्ष प्रथमा है, तो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शक संवत का प्रथम दिवस है। बांग्ला संवत में संक्रांति के हिसाब से नववर्ष मनाई जाती है, जो पोइला वैशाख कहलाता है, जो कभी 14 अप्रैल, तो कभी 15 अप्रैल को मनाई जाती है। उत्तर भारत में फसली सन संभवत: 13 अप्रैल को प्रथम दिवस के रूप में मनाई जाती है ! कैलेंडर पर गणित लेखक गुणाकर मुले और सदानंद पॉल ने अनथक मेहनत कर सार्थक कार्य किए।

नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं। इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।

  • Share This:  
  •  Facebook
  •  Twitter
  •  Google+
  •  Stumble
  •  Digg
Newer Post Older Post Home

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

  • 'रॉयल टाइगर ऑफ इंडिया (RTI) : प्रो. सदानंद पॉल'
  • 'महात्मा का जन्म 2 अक्टूबर नहीं है, तो 13 सितंबर या 16 अगस्त है : अद्भुत प्रश्न ?'
  • "अब नहीं रहेगा 'अभाज्य संख्या' का आतंक"
  • "इस बार के इनबॉक्स इंटरव्यू में मिलिये बहुमुखी प्रतिभाशाली 'शशि पुरवार' से"
  • 'जहां सोच, वहां शौचालय'
  • "प्यार करके भी ज़िन्दगी ऊब गई" (कविताओं की श्रृंखला)
  • 'कोरों के काजल में...'
  • 'बाकी बच गया अण्डा : मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट'
  • "समाजसेवा के लिए क्या उम्र और क्या लड़की होना ? फिर लोगों का क्या, उनका तो काम ही है, फब्तियाँ कसना !' मासिक 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में रूबरू होइए कम उम्र की 'सोशल एक्टिविस्ट' सुश्री ज्योति आनंद से"
  • "शहीदों की पत्नी कभी विधवा नहीं होती !"
Powered by Blogger.

Copyright © MESSENGER OF ART