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6.14.2021

कालजयी कृति 'शांति' का पोस्टमार्टम...(लघु प्रेरक समीक्षा)

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     14 June     समीक्षा     No comments   

आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी शांति की समीक्षा......


प्रेमचंद रचित कहानी 'शांति' !
प्रस्तुत कथा-विस्तार में कथानायिका कौन सी अंग्रेजी पुस्तक पढ़ रही होती हैं ? कथाकार के अनुसार क्या अंग्रेजी भाषा की पुस्तकें हिंदी की पुस्तकों से श्रेष्ठ व शानदार होती हैं, तो फिर कथालेखक ने हिंदी भाषा में कथा-लेखन क्यों किये ? क्या हिंदीभाषी या उनके लेखक 'लेखक' की श्रेष्ठ श्रेणी में नहीं आते हैं ?
क्या महिलाओं का अपना हृदय नहीं होती हैं ? हृदय से आशय सोद्देश्यता लिए है या उद्देश्यहीनता बोधित दृष्टिकोण समाए ! प्रस्तुत कथा में कथाकार ने उद्देश्यहीन और परम्परागत ताने-बाने रचे हैं ! जो कि धीर-गंभीर न होकर भटकाव लिए है !
जो भी हो, पर प्रेमचंद रचित कथा 'शांति' में कोई शांति होती दिखती नहीं है, क्योंकि प्रस्तुत कथा में शांति से तात्पर्य बिल्कुल ही भिन्न व अलग-थलग है ! इसके साथ ही प्रस्तुत कथा 'संस्मरण' के रूप में कुछ ज्यादा ही दृष्टिगोचित हो रही है !

नमस्कार दोस्तों ! 

'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें  Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
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