बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर जिले में चमकी बुखार के कारण बच्चों की मृत्यु रुकने का नाम नहीं ले रही हैं ! आइये मैसेंजर ऑफ आर्ट ने एक पहल की है, आप दोस्त व आदरणीय पाठकगण भी हमारे साथ जुड़िये व मदद कीजिये --
हमारा विज्ञान आसमान की ऊँचाई से लेकर धरती की गहराई तक पहुँच चुकी है, लेकिन इन दोनों प्रकार की उपलब्धियों के बीच प्रकृति की सुंदर कृति यानी मासूम 'बालक' को हमारा यह विज्ञान बचा नहीं पा रहा है !
मुज़फ़्फ़रपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में कई वर्षों से जारी दिमागी अथवा चमकी बुखार से बच्चों की मृत्यु होने से डॉक्टरों व चिकित्सा वैज्ञानिकों के रिसर्च लिए विज्ञान यहाँ कुछ नहीं कर पा रहे हैं ! मृतक बच्चों के परिवार सहित अन्य लोगों के द्वारा सरकार पर गुस्सा करना स्वभावश: और जायज़ है, लेकिन सोशल मीडिया पर सरकार और अन्य प्राधिकारों पर गुस्सा जाहिर करनेवाले पोस्टों को लिख देने भर से व लाइव वीडियो पोस्ट कर गुस्सा दिखा देने भर से हम आख़िरत: क्या संदेश देना चाहते हैं ? क्या हमारा कर्तव्य सिर्फ़ अनाप-शनाप पोस्ट डालना या गुस्सा भर ही करना है ? अगर कुछ करना चाहते हैं, तो आइये और इसपर नूतन सोचिये ! अगर आप हमारी सोच के साथ अपनी सोच को जोड़ते हैं कि मुज़फ़्फ़रपुर या आसपास के कोई मित्र अगर फ़्रेंडलिस्ट में हैं, तो कृपा कर उन पीड़ित परिवारों से मिलिए तथा उनकी आर्थिक पक्ष से रूबरू होइए और अगर परिवार आर्थिक विपन्नता की स्थिति लिए हैं, तो सहयोगार्थ उस परिवार के मुखिया के ACCOUNTS व बैंक डिटेल्स लेंगे (अगर देना चाहेंगे), ताकि उनके परिवार को हम कुछ मदद कर सकें, चूँकि प्रकृति की यह सुंदर कृति लौटने से रहे, परंतु हमारा यह सदप्रयास उन मृतक बच्चों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी !
अगर किन्हीं के पास उन परिवारों के प्रामाणिक ACCOUNTS DETAILS हैं और इस हेतु पीड़ित परिवारों की तरफ से कोई आपत्ति नहीं हो, तो यह details हम तक पहुँचाने की अवश्य ही कृपा करेंगे, ताकि हम यथाशक्ति उनमें सहयोग राशि अंतरित कर सके !
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
हमारा विज्ञान आसमान की ऊँचाई से लेकर धरती की गहराई तक पहुँच चुकी है, लेकिन इन दोनों प्रकार की उपलब्धियों के बीच प्रकृति की सुंदर कृति यानी मासूम 'बालक' को हमारा यह विज्ञान बचा नहीं पा रहा है !
मुज़फ़्फ़रपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में कई वर्षों से जारी दिमागी अथवा चमकी बुखार से बच्चों की मृत्यु होने से डॉक्टरों व चिकित्सा वैज्ञानिकों के रिसर्च लिए विज्ञान यहाँ कुछ नहीं कर पा रहे हैं ! मृतक बच्चों के परिवार सहित अन्य लोगों के द्वारा सरकार पर गुस्सा करना स्वभावश: और जायज़ है, लेकिन सोशल मीडिया पर सरकार और अन्य प्राधिकारों पर गुस्सा जाहिर करनेवाले पोस्टों को लिख देने भर से व लाइव वीडियो पोस्ट कर गुस्सा दिखा देने भर से हम आख़िरत: क्या संदेश देना चाहते हैं ? क्या हमारा कर्तव्य सिर्फ़ अनाप-शनाप पोस्ट डालना या गुस्सा भर ही करना है ? अगर कुछ करना चाहते हैं, तो आइये और इसपर नूतन सोचिये ! अगर आप हमारी सोच के साथ अपनी सोच को जोड़ते हैं कि मुज़फ़्फ़रपुर या आसपास के कोई मित्र अगर फ़्रेंडलिस्ट में हैं, तो कृपा कर उन पीड़ित परिवारों से मिलिए तथा उनकी आर्थिक पक्ष से रूबरू होइए और अगर परिवार आर्थिक विपन्नता की स्थिति लिए हैं, तो सहयोगार्थ उस परिवार के मुखिया के ACCOUNTS व बैंक डिटेल्स लेंगे (अगर देना चाहेंगे), ताकि उनके परिवार को हम कुछ मदद कर सकें, चूँकि प्रकृति की यह सुंदर कृति लौटने से रहे, परंतु हमारा यह सदप्रयास उन मृतक बच्चों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी !
अगर किन्हीं के पास उन परिवारों के प्रामाणिक ACCOUNTS DETAILS हैं और इस हेतु पीड़ित परिवारों की तरफ से कोई आपत्ति नहीं हो, तो यह details हम तक पहुँचाने की अवश्य ही कृपा करेंगे, ताकि हम यथाशक्ति उनमें सहयोग राशि अंतरित कर सके !
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
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