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10.08.2017

'#एकराष्ट्र_एकभाषा_एकतिरंगा : श्रीमती सुषमा व्यास 'राजनिधि'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     08 October     अभियान     No comments   

 #एकराष्ट्र_एकभाषा_एकतिरंगा : अभियान ।

1949 के 14 सितम्बर को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया, इसलिए इस तिथि को 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाये जाने का प्रचलन है, कोई उल्लिखित नियम नहीं ! भारतीय संविधान में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप कहीं कोई उल्लेख नहीं है । परंतु हिंदी के लिए देवनागरी लिपि का उल्लेख संवैधानिक व्यवस्था लिए है, किन्तु भारतीय संविधान में अँग्रेजी लिखने के लिए किसी लिपि का उल्लेख नहीं है । गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने भी एक RTI जवाब में अँग्रेजी की ऐसी स्थिति को लेकर एक RTI आवेदक को पत्र भेजा है । बुरी स्थिति हिंदी के लिए नहीं अँग्रेजी के लिए है, क्योंकि भारतीय संविधान के अनुसार उसकी कोई लिपि नहीं है । इसतरह से अंतरराष्ट्रीय अँग्रेजी और भारतीय अँग्रेजी में अंतर है । चूँकि भारत से बाहर अँग्रेजी रोमन लिपि में है और भारत में यह किसी भी लिपि में लिखी जा सकती है, तो क्यों न भारत में एकभाषा हिंदी हो ! आज हमारे इस अभियान में अपनी राय मैसेंजर ऑफ ऑर्ट में प्रस्तुत कर रही हैं श्रीमती सुषमा व्यास 'राजनिधि' ...आइये पढ़ते है ...!


श्रीमती सुषमा व्यास 'राजनिधि' 

ये पृथ्वी एक, आकाश एक, वनस्पति एक , राष्ट्र एक, भूमि एक , जन्मस्थली एक और तो और हमारा राष्ट्रभाषा (प्रेम की) और तिरंगा भी एक ही है। हजारों वर्षो से हमारे राष्ट्र को विखंडित और विच्छेदित करने की कोशिश विदेशियों द्वारा की गई परन्तु इस विशाल और भव्य देश की संरचना, सौन्दर्य, संवेदना , विचार भाव, कल्पना को अलग नहीं किया जा सका। बल्कि इस देश ने अलग अलग भावों, विचारों और भाषा को अपने में ही सागर की तरहा समाहित कर लिया।

हमारे देश में धर्म(मजहब), राजनीति , बोली, रहन-सहन, खानपान सब राज्य के हिसाब से अलग अलग है परन्तु सबमें एक भाव समान है ---- राष्ट्रप्रेम और मानवता प्रेम। राष्ट्र की सामूहिक उन्नति -प्रगति और समृद्धि का एक ही राज है---#एकभाषा, #एकराष्ट्र और #एकतिरंगा ।

राष्ट्रीय भावना बरसों से प्रवाहित हो रही है , यही हमारी प्रमुख धारा है। हमारी संस्कृति,बोली, जाति अलग-अलग होते हुए भी सबका स्वर एक ही है -- हम भारतीय हैं।

अनेकता में एकता भारत की विशेषता है । जनम-जनम से भारत मां के आंचल में बस एक ही भाषा सीखी है। इस तिरंगे की शान में, देश की खातिर जान न्यौछावर की है।



नमस्कार दोस्तों ! 

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