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9.18.2016

'अरबसागर में डूब मरो, तुम ! हाँ, तुम पाकिस्तान !!'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     18 September     आलेख     No comments   

*"अरबसागर में डूब मरो, तुम ! हाँ, तुम पाकिस्तान !!"*

अरे ! यार !! पाकिस्तान !!!
तुम मुझसे 47 साल बड़े हो, परंतु 47 साल छोटे से भी सम्मान नहीं पा सका है । कैसी मक्कारी है तुम्हारी ? सिर्फ अच्छे-अच्छे नाम ही रखते हो.... पाक..... शरीफ...... परंतु  'कृत्य' अपनी माँ को भी तुम नहीं छोड़ते । भारत माँ हैं, तुम्हारे । तुम्हें पता होना चाहिए । तुम उनकी कोख़ से निकले हो । सोयी हुई माँ पर तुमने गोली चला दिया, 17 भारतीयों को मार गिराया.... जरा भी नहीं सोचा कि 55 करोड़ रुपये माँ ने सिर्फ तुम्हारे डायफर बदलने में खर्च कर दी । अपना तो कुछ कमाते-धमाते नहीं ! नेपकीन तक खरीदने के लिए तुम चीन और अमेरिका की तरफ मुँह बाये रहते हो ! अरे भीख क्यों माँगते तुम ? तुम अपनी माँ भारत से खाने को माँगो । पर तुम ऐसा तो करोगे नहीं, माँ की मस्तक माँगोगे... कश्मीर-कश्मीर करोगे । बपौती और जागीर की परिभाषा जानते हो.... पढ़ने पर ध्यान लगाओ, क्योंकि कोई रिप्यूटेशन नहीं है तुम्हारे, इस दुनिया में !
वास्तव में हम सभी भारतीयों का सीना 56 इंच का है, सोते में मार देने से या पीठ पर गोली चला देने से तुम्हारा कायराना कारनामे का ही पब्लिसिटी होता है, अन्यार्थ नहीं और हमने अपना सीना गोली खाने के लिए नहीं बनाया है, तुम्हें उनमें समाने को बनाया है ।
अरे ! यार !! पाकिस्तान !!!
हमने एक ही दिन दक्षेस के सभी को बुलाये और दोस्ताना सम्बन्ध बनाने पर जोड़ दिए हमलोगो ने । पर तुम तो इसका मतलब यह निकाला कि मेरे सर पर हगो और मूतो..... क्या यही दिन माँ को दिखाने के लिए पैदावरित हुआ था । 
हमलोग 'बर्थडे पर दुश्मन' देश जाकर 'विश' जब करके आ सकते हैं, तो 'कफ़न' तुम्हारे लिए तैयार करने में हमें वक़्त ही कितना लगेगा ? बेवकूफ हो 'तुमलोग', नार्थ कोरिया की तरह, क्योंकि उसे ये पता नहीं है कि कोई हथियार या बम किसी देश को नेस्तनाबूद नहीं करता है, बल्कि मानवता को समाप्त करता है ।

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