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12.31.2014

'बयान 7 : कालचक्र 1'

 मैसेंजर ऑफ ऑर्ट     31 December     कविता     No comments   


"*सुधन्वा*" (गीति नाट्य) -- डॉ. एस पॉल ।
(प्रस्तुत गीति-नाट्य में 12 पात्र 12 आयामों का प्रकटीकरण है, यथा:- कालचक्र, अश्वमेध-यज्ञ, अश्व, महाभारत, काल, चम्पकपुरी, राजा हंसध्वज, शंख-लिखित, अवतार, भारतवर्ष, कृष्णार्जुन और सुधन्वा । ध्यातव्य है, 'सुधन्वा' ऐतिहासिक नायक थे । )



कालचक्र
-----------
दिन, सप्ताह, मास, वर्ष  तो  प्रथम  सभ्यता  प्रतीक   है , 
यूरेशिया  या  रोम-रोम  अपभ्रंश , भारतवर्ष  से  दिक् है ।
चैत्र जहाँ मार्च माह, सम्राट मार्स  वा  मार्च थे युद्ध-देवता ,
अप्रैल है वैशाख अमोनिया-एपरिट , है प्राक्  शुद्ध देवता ।
हिंदी - अँग्रेजी  की  साम्यता  में,  विक्रमी  ईस्वी  सन्  है ,
एटलस-तनुजा-रूप मई है जेठ, तो मैया की तन - मन है ।
जून  गर्मी  आषाढ़  ईर्ष्या , जूनो  ज़ुपिटर  की  पत्नी  थी ,
हिज़री  क्या ? मुहम्मद की मक्का से मदीना भी मणि थी ।
सावन-सुहावना जुलाई माह, जुलियस सीज़र के नाम पर ,
शेक्सपियर-अभिज्ञान शाकुन्तलम् या बच्चन के काम पर ।
अगस्त  आगस्ट्स  भादो,  कुंआर  सेप्टेम्बर  सप्तमवर था,
अष्टमवर  कार्तिक  अक्टूबर,  अगहन  नाम  नवमवर  था ।
दशम्   पूस  दशमवर  भाई,  माघ  जेनस बेन जनवरी थी  ,
मासांत भोज फेबुआ कारण,फागुन बहन की फ़रवरी थी ।
                               

क्रमशः ...
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